राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने बृहस्पतिवार को कहा कि वह यह सुनिश्चित करेंगे कि देश में जाति जनगणना हो और इसके लिए वह केंद्र में सत्तारूढ़ भाजपा और उसके मूल संगठन आरएसएस को “कान पकड़कर” यह करवाएंगे।
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री ने यह टिप्पणी अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के दिग्गज नेता बाबू जगदेव प्रसाद की जयंती पर आयोजित एक समारोह में की। बाबू जगदेव प्रसाद की राजनीतिक लामबंदी की आक्रामक शैली ने उन्हें “बिहार के लेनिन” की उपाधि दिलाई थी। लालू प्रसाद ने अपने संक्षिप्त संबोधन के दौरान राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस)-भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर कटाक्ष करते हुए कहा, “कान पकड़कर जातीय जनगणना करवाएंगे”, तो वहां मौजूद लोगों ने लालू की इस टिप्पणी पर तालियां बजाईं और ठहाके लगाए। राजद सुप्रीमो ने पांच मिनट से भी कम समय तक और लड़खड़ाती हुई आवाज में कार्यक्रम को संबोधित किया।
लालू पिछले कुछ वर्षों से वृद्धावस्था के कारण होने वाली स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों का सामना कर रहे हैं। इससे पहले, लालू के राजनीतिक उत्तराधिकारी माने जाने वाले उनके छोटे बेटे और बिहार विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने एक विस्तृत भाषण दिया, जिसमें उन्होंने पिछड़े वर्गों के हितों की रक्षा के लिए राजद द्वारा किए गए कार्यों पर प्रकाश डाला गया। तेजस्वी ने बताया कि उनके पिता ने बिहार के तत्कालीन मुख्यमंत्री के रूप में राज्य में मंडल आयोग को पूरी तरह लागू किया था, जबकि उन्होंने तत्कालीन उपमुख्यमंत्री के रूप में यह सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी कि जाति आधारित सर्वेक्षण हो और संशोधित जनसंख्या अनुमानों के अनुसार वंचित जातियों के लिए कोटा बढ़ाया जाए।
उन्होंने राज्य के नए आरक्षण कानूनों को पटना उच्च न्यायालय द्वारा खारिज किए जाने के लिए सीधे तौर पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा, “मैं पहले दिन से ही कह रहा था कि हमें इन कानूनों को संविधान की नौवीं अनुसूची में शामिल करवाना चाहिए। लेकिन, नीतीश कुमार समय रहते इस दिशा में कदम उठाने में विफल रहे। आज भी, वे जनता दल (यूनाइटेड) के प्रमुख के रूप में अपनी स्थिति का लाभ उठाने में असमर्थ हैं। उनकी पार्टी पर भाजपा केंद्र में सत्ता में बने रहने के लिए निर्भर है।” तेजस्वी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ नीतीश कुमार के ‘खराब समीकरणों’ पर भी कटाक्ष किया और कहा, “मुख्यमंत्री अब उसी व्यक्ति के पैरों पर गिर रहे हैं, जिसकी खाने की थाली उन्होंने छीन ली थी।”
राजद नेता का इशारा एक दशक पहले कुमार द्वारा भाजपा नेताओं के लिए आयोजित रात्रिभोज को अचानक रद्द कर दिये जाने की घटना की ओर था, जिनमें गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी भी शामिल थे। राजद नेता ने नौकरशाही में “लेटरल एंट्री” को आरक्षण को खत्म करने का एक अप्रत्यक्ष प्रयास बताया। राजद नेता ने कहा, “मैं बाबू जगदेव प्रसाद के लिए भारत रत्न की मांग करता हूं।” उन्होंने कहा, “कुशवाहा समाज को जनप्रतिनिधित्व का सबसे अधिक अवसर राष्ट्रीय जनता दल दे रही है। जैसे-जैसे दलित, पिछड़े और आदिवासी अपने उत्थान के लिए सजग हो रहे हैं, अपने अधिकारों के लिए मुखर हो रहे हैं, वैसे-वैसे आपस में जुड़ते जा रहे हैं, एक दूसरे का साथ दे रहे हैं और यही बात भाजपा को परेशान कर रही है।