उम्मीदवारों की लिस्ट जारी की थी, हो गया बवाल, जम्मू-कश्मीर में फंसी BJP?

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बीजेपी ने जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के लिए अपने उम्मीदवारों की लिस्ट जारी की थी जिसको लेकर पार्टी पार्टी के कार्यकर्ता विरोध करने लगे. इसके तुरंत बाद बीजेपी ने लिस्ट को वापस ले लिया और उम्मीदवारों की नई लिस्ट जारी की. आखिर ऐसा क्यों हुआ आइए जानते हैं…

Jammu Kashmir Assembly Elections: बीजेपी ने जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के लिए सोमवार को 44 उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी की थी, लिस्ट जारी होते ही इसका विरोध होने लगा. नतीजा यह हुआ की पार्टी ने तुरंत लिस्ट वापस ले ली और फिर 15 उम्मीदवारों की नई लिस्ट जारी की और इसके बाद एक और लिस्ट जारी की जिसमें एक उम्मीदवार का नाम है.

बीजेपी ने क्यों वापस ली लिस्ट

दरअसल हुआ ये कि बीजेपी ने तीन चरणों में होने वाले चुनाव के लिए सभी सीटों पर उम्मीदवारों की लिस्ट जारी कर दी थी लेकिन इस लिस्ट में जिन्हें उम्मीदवार बनाया गया था पार्टी कार्यकर्ताओं ने इसको लेकर नाराजगी जाहिर की. लिस्ट सामने आते ही पार्टी कार्यकर्ता विरोध प्रदर्शन करने लगे. नाराज कार्यकर्ताओं ने प्रदेश अध्यक्ष रविंद्र रैना के दफ्तर के बाहर विरोध प्रदर्शन किया. कार्यकर्ताओं ने कहा कि हमें पैराशूट उम्मीदवार नहीं चाहिए. उन्होंने कहा कि दूसरे दलों से आए लोगों को तरजीह दी गई और पार्टी के निष्ठावान नेताओं की उपेक्षा की गई है.

जारी की संशोधित लिस्ट

विरोध के बाद बीजेपी ने 15 उम्मीदवारों के नाम की नई लिस्ट जारी की लेकिन यहां गौर करने वाली बात ये हैं कि ये 15 नाम वही थे जो पहली लिस्ट में थे. यानी बीजेपी ने सिर्फ दूसरे और तीसरे चरण के उम्मदीवारों के नाम वापस लिए जबकि पहले चरण के उम्मीदवारों के नाम को जस का तस रहने दिया. इसके बाद बीजेपी ने एक उम्मीदवार के नाम की एक दूसरी लिस्ट भी जारी की. दक्षिण कश्मीर की कोकरनाग विधानसभा सीट से चौधरी रोशन हुसैन गुज्जर को टिकट दिया गया है. वापस ली गई लिस्ट में इस सीट पर उम्मीदवार के नाम का ऐलान नहीं किया गया था. 

लिस्ट वापस लेने पर पार्टी के सूत्रों ने बताया कि लिस्ट इसलिए वापस ली गई क्योंकि केवल पहले चरण की  लिस्ट जारी की जानी थी लेकिन पार्टी ने गलती से तीनों चरणों के उम्मीदवारों की लिस्ट जारी कर दी.

टिकट ना मिलने पर पार्टी के नेताओं ने जताई नाराजगी

वहीं उम्मीदवारों की लिस्ट पर नाराजगी जाहिर करते हुए पार्टी के एक नेता और एससी मोर्चा के पूर्व अध्यक्ष जगदीश भगत ने कहा, ‘मैं पिछले 18 सालों से पार्टी के साथ जुड़ा हुआ हूं और मुझे इस बार टिकट की उम्मीद थई, लेकिन 44 उम्मीदवारों की सूची में रिटायर्ड पुलिस अधिकारी मोहन लाल भगत को टिकट दे दिया गया जिन्होंने मात्र दो दिन पहले ही पार्टी ज्वॉइन की थीं. मैंने लोगों को पार्टी में लाने के लिए अथक प्रयास किया है.’

सभी की समस्या का समाधान किया जाएगा

नाराज कार्यकर्ताओं की चिंताओं को लेकर प्रदेश अध्यक्ष रवींद्र रैना ने कहा कि हम सभी से एक-एक करके बातचीत करेंगे. सभी की समस्या का समाधान किया जाएगा. व्यवस्था और राष्ट्रभक्ति भाजपा की पहचान है. मुझे उम्मीद है कि सभी व्यवस्था बनाए रखेंगे.

गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर में 18 सितंबर को पहले चरण,   25 सितंबर को दूसरे और 1 अक्टूबर को तीसरे और अंतिम चरण का मतदान होगा.

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