भारतीय जनता पार्टी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक के बीच मतभेद साफ दिख रहा है. लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद से आरएसएस के नेता बयान दे रहे हैं. इंद्रेश कुमार के बायान से हंगामा मच गया. अब इसमें योग गुरु रामदेव ने एंट्री मार दी है. उन्होंने कहा ये राम का देश है राम सबके हैं और ये देश सबका है. पीएम मोदी ने सबका साथ, सबका विकास, सबका प्रयास के अपने आदर्श वाक्य के साथ देश को आगे बढ़ाया है.!
लोकसभा चुनाव में खराब प्रदर्शन के बाद राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और बीजेपी के बीच जुबानी जंग तेज हो गई है. इंद्रेश कुमार के बायान से हंगामा मच गया. अब इसपर योग गुरु रामदेव ने अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने शुक्रवार को हरिद्वार के हरी सेवा आश्रम में चल रहे संत सम्मेलन में मीडिया से बातचीत में कहा कि राम सबके हैं और ये देश सबका है. पीएम मोदी ने सबका साथ, सबका विकास, सबका प्रयास के अपने आदर्श वाक्य के साथ देश को आगे बढ़ाया है.
रामदेव ने कहा कि ऐसी टिप्पणियां होती रहती हैं. राम सब के हैं. हम सब एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं. जाति, संप्रदाय और विचारधाराओं के आधार पर विभाजन पैदा करना राष्ट्रीय एकता के लिए ठीक नहीं है. पीएम मोदी की तारीफ करते हुए रामदेव ने कहा कि उन्होंने देश को राजनीतिक, आर्थिक और सांस्कृतिक रूप से देश को आगे बढ़ाया है.
इंद्रेश कुमार के बयान पर क्या बोले रामदेव
आरएसएस नेता इंद्रेश कुमार ने एक बयान पर सवाल पूछे जाने पर रामदेव ने कहा पीएम नरेंद्र मोदी का नेतृत्व, नीतियां, चरित्र और व्यक्तित्व इतना बड़ा है और यह वर्षों की तपस्या के कारण है. पीएम मोदी के सामने कोई नहीं टिक सकता उनका व्यक्तित्व हिमालय जैसा है. आरएसएस नेता इंद्रेश कुमार ने कहा था कि जिन लोगों में अहंकार था, उनको भगवान राम ने 240 पर रोक दिया. इस बयान के बाद जमकर हंगामा हुआ.
इंद्रेश कुमार ने लिया यू-टर्न
इंद्रेश कुमार ने एक बयान में कहा था, 2024 में राम राज्य का विधान देखिए, जिनमें राम की भक्ति थी और धीरे-धीरे अहंकार आ गया, उन्हें 240 सीटों पर रोक दिया. अब इंद्रेश कुमार ने एक और बयान दिया है जिससे लगता है कि आरएसएस और बीजेपी के बीच डैमेज कंट्रोल की कोशिशें शुरू हो गई हैं. इंद्रेश कुमार ने अब कहा है कि जिन लोगों ने राम का विरोध किया वे सत्ता से बाहर हैं और जो राम भक्त थे, वे सत्ता में हैं.
अब अपने बयान पर सफाई देते हुए इंद्रेश कुमार ने कहा है कि आज देश का वातावरण एकदम स्पष्ट है. जिन्होंने राम का विरोध किया, वह सब सत्ता से विरोध किया, वह सब सत्ता से बाहर हैं. जिन लोगों ने राम की भक्ति का संकल्प लिया, वह सत्ता में हैं और तीसरी बार नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार बन गई है. उनके नेतृत्व में देश प्रगति करेगा- यह विश्वास लोगों में है.