Rajkot Gaming Zone: राजकोट गेमिंग जोन में आग लगने की वजह से 28 लोग मारे गए. इस अग्निकांड का गुनहगार गेमिंग जोन के मालिकों को ठहराया जा रहा है लेकिन एक सच यह भी है कि उन्होंने भी अपनों को खोया है. गेमिंग जोन के मालिकों में से एक प्रकाश हिरेन ने भी अग्निकांड में जान गंवा दी है.

गुजरात के राजकोट अग्निकांड ने देशभर की आंखें नम कर दी हैं. टीआरपी गेमजोन में हुए हादसे में 28 लोग जिंदा जल गए. इस अग्निकांड के असली गुनहगार कहे जा रहे हैं, इसके संचालक जिन्होंने नियमों की अनदेखी की और बिना इजाजत, गेमिंग जोन बना डाला. यही नहीं, न कोई फायर सेफ्टी थी, न ही इनके पास कोई इमरजेंसी एग्जिट गेट, जिससे लोग बाहर निकल सकें. इस हादसे में कई लोगों ने दम तोड़ा. क्या आप जानते हैं जिन्हें हम गुनहगार समझ रहे हैं, वे भी इसमें मारे गए हैं.

इस गेमिंग जोन के मालिकों में से एक प्रकाश हिरेन भी अग्निकांड में झुलसकर मर गए. सीसीटी फुटेज में हिरन भी नजर आ रहे हैं, उनकी कार भी गेमिंग जोन इलाके में मिली है. NDTV की एक रिपोर्ट के मुताबिक डीएनए टेस्ट में इस बात की पुष्टि हुई है कि प्रकाश हिरेन की भी मौत हो गई है. उनकी पूरी तरह से जली लाश के कुछ हिस्से मिल गए हैं. 

जिन्हें समझा गुनहगार, वे भी निकले पीड़ित

प्रकाश हिरेन के भाई जितेंद्र ने उनकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी. वे जब आग लगी तो गेमिंग जोन में ही थे. उनकी पहचान के लिए उनकी मां का डीएनए सैंपल लिया गया था, जिसके बाद शव की मैचिंग कराई गई तो पता चला कि प्रकाश हिरेन की भी मौत हुई है. 

क्यों हुआ है डीएनए टेस्ट?

हादसे में सबकुछ राख हो गया है. आरोपियों के चेहरों की शिनाख्त नहीं हो पा रही थी. लोगों के कटे-सुलगे हाथ पैर नजर आ रहे थे. ऐसे में प्रशासन ने शवों की पहचान के लिए डीएनए टेस्ट कराने का फैसला लिया.

कौन-कौन हैं हादसे के आरोपी?

रिपोर्ट के मुताबिक प्रकाश हिरेन, इस गेमिंग जोन के 60 फीसदी हिस्सेदार थे. रेसवे एंटरप्राइजेज के मालिक धवल ठक्कर और पार्टनर अशोक सिंह जडेजा, किरीट सिंह जडेजा, प्रकाश हिरन, युवराज सिंह सोलंकी और राहुल राठौड़ को गुजरात पुलिस ने आरोपी भी बनाया है. इसमें से प्रकाश हिरेन अब दुनिया में नहीं रहे.

कितने लोगों पर दर्ज है केस?

पुलिस ने गेमिंग जोन अग्निकांड में कुल 6 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की है. इसके मुख्य आरोपी भी यही हैं. धवल ठक्कर से लेकर प्रकाश हिरेन तक इसे चला रहे थे. यहां वेल्डिंग के दौरान आग लगी और सब जलकर राख हो गया. इस केस में हाई कोर्ट ने राज्य सरकार, नगर निगम और आरोपियों को फटकार लगाई है. सारे आरोपी अभी न्यायिक हिरासत में हैं.

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