जिले में एटीएस की दस्तक, आईडी का दुरुपयोग कर बड़े पैमाने पर फर्जी जन्म प्रमाण पत्र बनाने वाले सिंडिकेट के 3 सदस्य गिरफ्तार।

आजमगढ़/संसद वाणी – जनपद आजमगढ़ में एक बार फिर एटीएस की आमद ने लोगों को चौंका दिया है। जिले में जब भी एटीएस ने छापेमारी की है, तब-तब बड़ा राजफाश हुआ है। जिले से आतंकियों और संदिग्धों के पकड़े जाने का सिलसिला पुराना है। एटीएस का रुख आजमगढ़ जिले के मुख्यालय में बताया गया। हालांकि इस मामले में जिले के अधिकारी कुछ भी बोलने से कतरा रहे हैं।

रायबरेली में फर्जी जन्म प्रमाण पत्र बनने के मामले का खुलासा होने के बाद पूरे प्रदेश में इसकी जांच के आदेश दिये गये। इसी को लेकर जिले में एटीएस ने दस्तक दी है। रायबरेली के सलोन और छतोह ब्लॉक में फर्जी प्रमाण पत्र बनने का बड़ा मामला सामने आने के बाद राज्य सरकार ने इसे गंभीरता से लिया है। सभी जिलों के डीएम को जन्म प्रमाण पत्रों की जांच कर रिपोर्ट देने को कहा गया है। वहीं डीजीपी मुख्यालय की ओर से पुलिस को भी जांच में सहयोग करने का आदेश दिया गया है। इसे लेकर एटीएस अलग-अलग जिलों में छापेमारी कर रही है। लखनऊ की एटीएस टीम ने आजमगढ़ जिले में फर्जी जन्म प्रमाण पत्र जारी होने की सूचना को लेकर कोतवाली क्षेत्र में छापेमारी करते हुए 3 संदिग्धों को उठाया है।

जिन लोगों को लखनऊ की एटीएस टीम ने उठाया है, उन पर फर्जी जन्म प्रमाण पत्र जारी करने का आरोप है। छापेमारी करने के बाद लखनऊ एटीएस की टीम जिले के बड़े पुलिस अधिकारी से भी मुलाकात की है। हालांकि इस छापेमारी के बारे में जिले का कोई भी अधिकारी और कर्मचारी कुछ बोलने को तैयार नहीं है। ऐसे में समझा जा सकता है कि कितनी गोपनीयता इस छापेमारी को लेकर बरती जा रही है। रायबरेली प्रकरण की जांच में यह भी बातें सामने आईं की आतंकी संगठनों से जुड़े सदस्यों के भी प्रमाण-पत्र बन गए थे। इसमें आजमगढ़ से इसी तरह के लिंकेज सामने आने पर यह छापेमारी की गई है। जिसमें तीन आरोपी में शिवानंद, आनंद यादव व अनीता यादव को गिरफ्तार किया गया, उनके पास से 6 मोबाइल, 2 सिम कार्ड और लैपटॉप भी बरामद किया गया।

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