Parliament Session 2024: लोकसभा के मानसून सत्र चल रहा है. आज तीसरे दिन राष्ट्रपति का अभिभाषण हुआ. इसमें उन्होंने सरकार के अगले 5 साल के लिए प्लान को सदन के सामने रखा. इस दौरान सदन के प्रसारण को लेकर कांग्रेस ने सवाल उठाने शुरू कर दिए हैं. कांग्रेस के अनुसार, Sansad TV सदन की कार्यवाही दिखाने के दौरान नेताओं को दिखाने के मामले में पक्षपात किया है.
Lok Sabha Monsoon Session: आज यानी गुरुवार को संसद सत्र (Parliament Session 2024) में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (President Draupadi Murmu Speech) ने लोकसभा और राज्यसभा के संयुक्त बैठक को संबोधित किया. राष्ट्रपति का अभिभाषण करीब 51 मिनट चला. इस दौरान उन्होंने कई अहम मुद्दे पर बात करते हुए 1975 में लगाए गए आपातकाल की निंदा भी की और उसे काला अध्याय बताया. इस पूरे 51 मिनट के संबोधन को संसद टीवी पर प्रसारित किया गया जिसमें बीच-बीच में सदन के अन्य नेताओं को दिखाया गया. अब कांग्रेस ने PM मोदी और राहुल गांधी को दिखाए जाने पर सवाल उठाए हैं.
बता दें आज यानी गुरुवार को नई लोकसभा के गठन के बाद मानसून सत्र (Monsoon Session of Parliament) में लोकसभा और राज्यसभा के संयुक्त बैठक को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (President Draupadi Murmu Speech) ने संबोधित किया. उन्होंने कई अहम और बड़े मुद्दों पर बात रखी. इस दौरान पक्ष-विपक्ष के सभी नेता मौजूद रहे. इसी के प्रसारण को लेकर कांग्रेस ने सवाल उठाए हैं.
कांग्रेस नेता जयराम ने किया पोस्ट
सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने लिखा ’51 मिनट के राष्ट्रपति के संबोधन में किसको कितनी बार दिखाया गया? नेता सदन नरेंद्र मोदी : 73 बार, नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी: 6 बार, सरकार: 108 बार, विपक्ष: 18 बार. Sansad TV सदन की कार्यवाही दिखाने के लिए है, कैमराजीवी की आत्ममुग्धता के लिये नहीं.
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने गुरुवार को आरोप लगाया कि संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक में संबोधन के दौरान प्रधानमंत्री को लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी से अधिक स्क्रीन पर दिखाया गया.
अभिभाषण पर क्या बोले मल्लिकार्जुन खड़गे
राष्ट्रपति के अभिभाषण के बाद मल्लिकार्जुन खड़गे की प्रतिक्रिया भी सामने आई है. उन्होंने कहा कि मोदी सरकार द्वारा लिखे गए अभिभाषण को सुनकर ऐसा लगा कि मोदीजी लगातार इनकार की स्थिति में हैं. जनादेश उनके खिलाफ था, क्योंकि देश की जनता ने उनके 400 प्लस के नारे को नकार दिया और भाजपा को 272 के आंकड़े से दूर रखा. भाजपा इसी स्वीकार नहीं कर पा रही है लेकिन सच्चाई यह है कि देश की जनता बदलाव चाहती थी.