• समूह में वोट दिया, बुजुर्गों को बूथ तक पहुंचाया।
• मतदाताओं की मदद के लिये आगे आये सामाजिक कार्यकर्त्ता।
• विशाल भारत संस्थान ने 600 सामाजिक कार्यकर्त्ताओं को मदद के लिए तैनात किया।
• विशाल भारत संस्थान ने मतदाताओं की मदद के लिये शिविर लगाया।
• बुजुर्ग मतदाताओं को बूथ तक पहुंचाया।
वाराणसी/संसद वाणी : उपन्यास सम्राट मुंशी प्रेमचन्द की कहानियों के किरदार देश के लिये संघर्ष करने की प्रेरणा देते रहे हैं। आज उनका गांव लमही लोकतंत्र को बचाने में पीछे नहीं रहा। विशाल भारत संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं रामपंथ के पंथाचार्य डॉ० राजीव श्रीगुरुजी ने आह्वान किया था कि लमही गांव के वासी सुभाष मन्दिर से मुंशी प्रेमचंद जन्मस्थली होते हुए मतदान करने जाएंगे। जब विशाल भारत संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ० राजीव श्रीगुरुजी सुभाष भवन से वोट देने के लिये निकले तो रास्ते के लोग मिलते गए और कारवां बढ़ता गया।
सैकड़ों की संख्या में महिलाओं एवं सामाजिक कार्यकर्त्ताओं ने श्रीगुरुजी के साथ लमही के प्राथमिक पाठशाला में बूथ पर जाकर अपने मत का प्रयोग किया। 85 वर्षीया मुनरा देवी, 110 वर्षीया बिटुना देवी भी अपने मत का प्रयोग करने के लिए घर से बाहर निकली। लोकतंत्र का इससे खूबसूरत नजारा क्या होगा कि 18 वर्षीय खुशी रमन पहली बार वोट देने गयी और उनके साथ 110 वर्षीय बिटुना देवी भी वोट देने गयी। बिटुना देवी की तबियत खराब थी, लेकिन गुरुजी के कहने पर बूथ तक पहुंचीं।
विशाल भारत संस्थान ने लमही, लल्लापुरा, बजरडीहा, सरैया, तेलियाबाग में मतदाताओं की सुविधा के लिये शिविर लगाए थे। बिस्किट पानी और दवा से कार्यकर्त्ता लोगों की मदद कर रहे थे। अधिक मतदान के लिये बुजुर्ग लोगों की सेवा के लिये विशाल भारत संस्थान के कार्यकर्त्ताओं ने स्कूटी से बूथ तक पहुंचाया। विशाल भारत संस्थान की राष्ट्रीय महासचिव डॉ० अर्चना भारतवंशी ने मुस्लिम क्षेत्रों में जकर मुस्लिम महिलाओं को बूथ तक पहुंचने की प्रेरणा दी। हनुमान चालीसा फेम नाज़नीन अंसारी ने सरैया में मोर्चा संभाला। घर–घर से मुस्लिम महिलाओं को वोट देने के लिये निकाला। मतदान प्रतिशत बढ़ाने में विशाल भारत संस्थान एवं मुस्लिम महिला फाउंडेशन के सामाजिक कार्यकर्त्ताओं ने पूरी ताकत लगा दी।ज्ञान प्रकाश जी, डॉ० मृदुला जायसवाल, आभा भारतवंशी, डॉ० नजमा परवीन, अफरोज खान, डॉ० धनजय यादव, अनिल पाण्डेय, इली भारतवंशी, दक्षिता भारतवंशी, ताजीम भारतवंशी, खुशी भारतवंशी, उजाला भारतवंशी, अफसर बाबा, खुर्शीदा बानो, शमशाद, नसीम, चन्दन सिंह, अंकित सिंह, सौरभ पाण्डेय आदि ने मतदाताओं को बूथ तक पहुँचाने में मदद की।
उपन्यास सम्राट मुंशी प्रेमचन्द की कहानियों के किरदार देश के लिये संघर्ष करने की प्रेरणा देते रहे हैं। आज उनका गांव लमही लोकतंत्र को बचाने में पीछे नहीं रहा। विशाल भारत संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं रामपंथ के पंथाचार्य डॉ० राजीव श्रीगुरुजी ने आह्वान किया था कि लमही गांव के वासी सुभाष मन्दिर से मुंशी प्रेमचंद जन्मस्थली होते हुए मतदान करने जाएंगे। जब विशाल भारत संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ० राजीव श्रीगुरुजी सुभाष भवन से वोट देने के लिये निकले तो रास्ते के लोग मिलते गए और कारवां बढ़ता गया। सैकड़ों की संख्या में महिलाओं एवं सामाजिक कार्यकर्त्ताओं ने श्रीगुरुजी के साथ लमही के प्राथमिक पाठशाला में बूथ पर जाकर अपने मत का प्रयोग किया। 85 वर्षीया मुनरा देवी, 110 वर्षीया बिटुना देवी भी अपने मत का प्रयोग करने के लिए घर से बाहर निकली। लोकतंत्र का इससे खूबसूरत नजारा क्या होगा कि 18 वर्षीय खुशी रमन पहली बार वोट देने गयी और उनके साथ 110 वर्षीय बिटुना देवी भी वोट देने गयी। बिटुना देवी की तबियत खराब थी, लेकिन गुरुजी के कहने पर बूथ तक पहुंचीं।
विशाल भारत संस्थान ने लमही, लल्लापुरा, बजरडीहा, सरैया, तेलियाबाग में मतदाताओं की सुविधा के लिये शिविर लगाए थे। बिस्किट पानी और दवा से कार्यकर्त्ता लोगों की मदद कर रहे थे। अधिक मतदान के लिये बुजुर्ग लोगों की सेवा के लिये विशाल भारत संस्थान के कार्यकर्त्ताओं ने स्कूटी से बूथ तक पहुंचाया। विशाल भारत संस्थान की राष्ट्रीय महासचिव डॉ० अर्चना भारतवंशी ने मुस्लिम क्षेत्रों में जकर मुस्लिम महिलाओं को बूथ तक पहुंचने की प्रेरणा दी। हनुमान चालीसा फेम नाज़नीन अंसारी ने सरैया में मोर्चा संभाला। घर–घर से मुस्लिम महिलाओं को वोट देने के लिये निकाला। मतदान प्रतिशत बढ़ाने में विशाल भारत संस्थान एवं मुस्लिम महिला फाउंडेशन के सामाजिक कार्यकर्त्ताओं ने पूरी ताकत लगा दी।
ज्ञान प्रकाश जी, डॉ० मृदुला जायसवाल, आभा भारतवंशी, डॉ० नजमा परवीन, अफरोज खान, डॉ० धनजय यादव, अनिल पाण्डेय, इली भारतवंशी, दक्षिता भारतवंशी, ताजीम भारतवंशी, खुशी भारतवंशी, उजाला भारतवंशी, अफसर बाबा, खुर्शीदा बानो, शमशाद, नसीम, चन्दन सिंह, अंकित सिंह, सौरभ पाण्डेय आदि ने मतदाताओं को बूथ तक पहुँचाने में मदद की।