समाजवादी पार्टी चुनावी नतीजों से पहले ही चिंता में नजर आ रही है. पार्टी को शक है कि ईवीएम से छेड़छाड़ किया जा सकता है. कुछ ऐसा ही आम आदमी पार्टी का है. पूरे चुनाव में चुनाव आयोग की निष्पक्षता को लेकर विपक्ष में सवाल उठाए हैं.

लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजे आज (मंगलवार) को घोषित होंगे लेकिन उससे पहले ही समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) ने धांधली को लेकर चिंता जाहिर की है. अखिलेश यादव ने सुप्रीम कोर्ट, मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार, यूपी पुलिस के डीजीपी और यूपी पुलिस से अपील की है कि वे तत्काल दखल दें. अखिलेश यादव ने कहा है कि मिर्जापुर, अलीगढ़, कन्नौज के अलावा उत्तर प्रदेश के कई जिलों में जिलाधिकारी व पुलिस प्रशासन विपक्ष के राजनीतिक कार्यकर्ताओं को घरों में नज़रबंद करने का अवैधानिक कार्य कर रहे हैं, जिससे वो कल मतगणना में हिस्सा न ले सकें.

अखिलेश यादव ने आरोप लगाते हुए कहा, ‘अपने मत की रक्षा का अधिकार सबको है और तब तो और भी ज्यादा है जब कोर्ट द्वारा लगाए गये कैमरों के सामने भी धांधली करने का दुस्साहस करनेवाली सरकार सत्ता में हो.’

‘अखिलेश यादव को सताने लगा नजरबंदी का डर’

अखिलेश यादव ने लिखा, ‘ऐसी घटनाओं को तुरंत रोका जाए व प्रशासनिक रूप से निरुद्ध किए गए लोगों को तुरंत मुक्त किया जाए. जब समस्त राजनीतिक दल शांतिपूर्ण तरीक़े से कार्य कर रहे हैं, ऐसे में शासन-प्रशासन भी ऐसा कोई अनैतिक कार्य न करे, जिससे जन-आक्रोश पनपे.’

अखिलेश यादव ने कहा है कि आशा है ऐसे पक्षपाती डीएम और प्रशासनिक अधिकारियों को तुरंत हटाया जाएगा और मतगणना को शांति के वातावरण में सम्पन्न कराया जाएगा.

AAP को किस बात का है डर?

आम आदमी पार्टी (AAP) ने ट्वीट कर कहा, ‘हरियाणा की कैथल विधानसभा में बने EVM स्ट्रॉन्ग रूम से आने वाली ये तस्वीरें अपने आप में कई सवाल खड़े करती हैं. इन TV स्क्रीन को स्ट्रॉन्ग रूम में रखी EVM पर नजर रखने के लिए लगाया था, लेकिन इनपर गाने चलाये जा रहे हैंय. चुनाव आयोग कवि सम्मेलन करने की जगह इस पर ध्यान दे.’

चिंता में क्यों आई है कांग्रेस?

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने चिंता जताते हुए कहा है, ‘संस्थाओं की स्वतंत्रता सर्वोपरि है, क्योंकि प्रत्येक सिविल सेवक संविधान की शपथ लेता है कि वह अपने कर्तव्यों का निष्ठापूर्वक और कर्तव्यनिष्ठा से निर्वहन करेगा तथा संविधान और कानून के अनुसार सभी प्रकार के लोगों के साथ बिना किसी भय या पक्षपात, स्नेह या द्वेष के सही व्यवहार करेगा. इस भावना से हम प्रत्येक ब्यूरोक्रैट और अधिकारी से – पदानुक्रम के ऊपर से नीचे तक, संविधान की भावना के अनुसार अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने की अपेक्षा करते हैं, जो जो की बिना किसी दबाव, धमकी, या सत्ताधारी पार्टी, गठबंधन या विपक्षी पार्टी, गठबंधन से किसी भी प्रकार के दबाव के हो.’

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