VK Saxena Arvind Kejriwal: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जमानत खत्म होते ही जेल जाएंगे. वो इस्तीफा न देने की बात पर अड़े हैं. वहीं राज्यपाल ने जेल से सरकार न चलने की बात कही है. ऐसे में अब सवाल है कि क्या LG सरकार को बर्खास्त कर सकते हैं और उनके पास इसका अधिकार है.
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को कोर्ट से मिली वेल की अवधी 1 जून को खत्म हो रही है. उन्होंने भी वीडियो जारी कर सरेंडर करने की बात कही है.इस बीच दिल्ली के उप राज्यपाल वीके सक्सेना के एक बयान के कारण सियासी बाजार गर्म है. उन्होंने जेल से सरकार न चलने की बात की है. वहीं अरविंद केजरीवाल इस्तीफा न देने के की बात पर अड़े हैं. ऐसे में सवाल उठता है कि क्या उनके जेल जाते ही LG खेल कर देंगे, क्या उनके पास सरकार को बर्खास्त करने के अधिकार हैं?
शराब नीति घोटाले और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की 21 दिन की जमानत मिली थी जो कल खत्म हो रही है. उन्हें ED ने 21 मार्च को गिरफ्तार किया था. 10 मई को सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम जमानत दी थी. अब वो 2 जून को तिहाड़ जेल में सरेंडर करने वाले हैं.
क्या है LG और CM के बयान?
जमानत मिलते ही अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि वो इस्तीफा नहीं देंगे. उनको जेल भेजकर इस्तीफा देने के लिए मजबूर करने की कोशिश है. मैं इस साजिश में नहीं फंसूंगा. अगर उन्होंने लोकतंत्र को जेल में डाल दिया है तो लोकतंत्र जेल से ही चलेगा. मैं दोषी नहीं हूं न ही मेरे खिलाफ कोई आदेश है. मैं विधायक रह सकता हूं तो मंत्री या मुख्यमंत्री भी बन सकता हूं.
वहीं LG वीके सक्सेना ने कुछ दिन पहले कहा था कि मैं दिल्ली के लोगों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि जेल से सरकार नहीं चलेगी. अपने कार्यकाल के दो साल पूरे होने एलजी पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत की थी. अब ऐसे में सवाल है कि वो ऐसा क्यों कह रहे है और क्या उनके पास केजरीवाल सरकार को बर्खास्त करने के अधिकार हैं.
उपराज्यपाल का अधिकार
– जब केजरीवाल केवल जांच के दायरे में थे उप राज्यपाल के पास ज्यादा जिम्मेदारी नहीं थी. हालांकि, उनके जेल जाने की स्थिति में सामान्य शासन को बहाल करने की जिम्मेदारी उनके कंधों पर आ जाती है. ऐसे में वो काफी हद तक सरकार चला सकते हैं लेकिन उसे बर्खास्त नहीं कर सकते हैं.
– दिल्ली विधानसभा में आम आदमी पार्टी के पास बहुमत है. ऐसे ऐसा कोई कानून या संवैधानिक प्रावधान नहीं है जिससे उपराज्यपाल को मुख्यमंत्री की जेल के आधार पर सरकार बर्खास्त करने की अनुमति देता है.
– हालांकि, केजरीवाल सरकार पर संवैधानिक संकट बताकर LG सरकार बर्खास्त करने की सिफारिश कर सकते हैं. इस स्थिति में राष्ट्रपति शासन भी लग सकता है लेकिन ये थोड़ा मुश्किल है क्योंकि केजरीवाल को जेल नहीं हुई है. ऐसे में ये फैसला कोर्ट में जा सकता है.
क्या हो रही समस्या
– दिल्ली में किसी भी फैसले की फाइलें उपराज्यपाल और मुख्यमंत्री के बीच होती है. इसमें जेल से समस्या हो रही है.
– मंत्रिमंडल के सभी फैसलों की जानकारी उपराज्यपाल को CM के जरिए मिलती है. CM के जेल में होने से ये भी नहीं हो पा रहा.
– जेल में होने के कारण तिहाड़ के अनुमति से ही कागजात वहां पहुंच सकते हैं. जेल प्रशासन सभी फाइलों को ले जाने के इजाजत नहीं देता.
– मुख्यमंत्री के जेल में जाने मंत्रिमंडल की बैठक नहीं हो पा रही है. उनसे मिलने वाले सीमित हैं. इसमें सभी मंत्रियों के नाम नहीं है.
– सीएम के पास कोई भी फाइल उनके वकील के जरिए पहुंच सकती है. ऐसे में सरकारी कामकाज में वकील की एंट्री हो जाती है.
– जेल प्रशासन फोन की सुविधा नहीं देता, वो उपराज्यपाल से नहीं मिल सकते ऐसे में सरकार के फैसले प्रभावित हो रहे हैं.
AAP के विकल्प
आम आदमी पार्टी के पास सरकार को चलाने के लिए दो विकल्प हैं. पहला की वो इसी तरह कानूनी लड़ाई लड़ते रहें. दूसरा विकल्प ये है कि सरकार के कामकाज पर उठ रहे सवालों को दूर करने के लिए केजरीवाल इस्तीफा दें और सदन का नेता किसी और को चुना जाए.