कांग्रेस ने शनिवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने संसद के हालिया संपन्न सत्र के दौरान पूर्व उप राष्ट्रपति हामिद अंसारी पर राज्यसभा के सभापति के रूप में विपक्ष की तरफ ‘झुकाव’ रखने का आरोप लगाया था, जो संसदीय मर्यादा का उल्लंघन है और इसे स्वीकार नहीं किया जा सकता।

पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि प्रधानमंत्री की इस बात को सदन के रिकॉर्ड से हटाया जाना चाहिए था। प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर लाए गए धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा का जवाब देते हुए गत 2 जुलाई को लोकसभा में कहा था, ‘‘चाहे वे (विपक्ष) कितनी भी संख्या का दावा करें, जब हम 2014 में आए थे, तो राज्यसभा में हमारी ताकत बहुत कम थी और (तत्कालीन) सभापति का झुकाव कुछ हद तक दूसरी तरफ था, लेकिन हम गर्व के साथ देश की सेवा करने के अपने संकल्प से नहीं डिगे।”

उन्होंने कहा, ‘‘मैं देश की जनता को कहना चाहता हूं कि आपने जो निर्णय किया है, आपने हमें सेवा करने का जो आदेश दिया है, ऐसी किसी भी बाधा से न तो मोदी डरेगा और न ही यह सरकार डरेगी। हम जिन संकल्पों को प्राप्त करने के लिए निकले हैं, उन्हें पूरा करके रहेंगे।।” मोदी ने किसी का नाम नहीं लिया था, लेकिन पूर्व उपराष्ट्रपति अंसारी अगस्त 2012 से अगस्त 2017 तक राज्यसभा के सभापति रहे। कांग्रेस महासचिव रमेश ने शनिवार को ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘नॉन-बायोलॉजिकल प्रधानमंत्री ने बीते 2 जुलाई को लोकसभा में जो एक बात कही, उसे मीडिया में उस तरह से नोटिस नहीं किया गया। उन्होंने जो कहा वह बिल्कुल घटिया और अस्वीकार्य था। उसे तुरंत सदन के रिकॉर्ड से हटाया जाना चाहिए था।” उनके मुताबिक, प्रधानमंत्री ने राज्यसभा के पूर्व सभापति हामिद अंसारी पर विपक्ष की ओर ‘झुकाव’ रखने का आरोप लगाया।

उन्होंने कहा, ‘‘यह पहला मौका नहीं है जब नरेन्द्र मोदी ने हामिद अंसारी पर निशाना साधा है। 7 साल पहले अंसारी का कार्यकाल पूरा होने के अवसर पर विदाई भाषण में उन्होंने उनकी शीर्ष राजनयिक तैनाती का ज़िक्र किया था जो इस्लामिक देशों में थी। दरअसल ये देश भारत के हित के लिए बेहद महत्वपूर्ण थे और हामिद अंसारी ऑस्ट्रेलिया में उच्चायुक्त एवं न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि के रूप में कार्य करने के बाद आईएफएस से सेवानिवृत्त हुए थे। लेकिन इन बातों को बड़ी चालाकी से नज़रअंदाज़ किया गया।”

रमेश ने दावा किया कि किसी भी प्रधानमंत्री ने कभी भी राज्यसभा के किसी पूर्व सभापति पर इस तरह से हमला नहीं किया है जिस तरह नरेंद्र मोदी ने किया। उन्होंने कहा, ‘‘ऐसा करके उन्होंने सभी संसदीय मर्यादा को तोड़ा है। उन्होंने नफ़रत से भरे अपने चुनाव अभियान के बाद अपने पद की बची-खुची गरिमा को भी कम किया है।” 

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