अशोक कुमार जायसवाल/सचिन पटेल
पीडीडीयूनगर/मुगलसराय/संसद वाणी :
अंतरराष्ट्रीय मजदूर दिवस 01 मई के अवसर पर संयुक्त वामपंथी मोर्चा के तत्वावधान में स्थानीय रोडवेज बस स्टैंड स्थित रिक्सा स्टैंड से एक रैली निकालकर मजदूरों की मांग को बुलंद किया गया।
विदित हो कि अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस की शुरुआत 1886 में अमेरिका में हुई थी। उस समय मजदूरों को खतरनाक परिस्थितियों में ज्यादा लंबे समय तक कम वेतन में काम करना पड़ता था। 1 मई 1886 को, शिकागो में हजारों मजदूरों ने 8 घंटे के कार्य दिवस की मांग के लिए हड़ताल की। यह हड़ताल जल्दी ही हिंसक हो गई, जिसमें कई लोग मारे गए और घायल हुए। इस घटना के बाद, 1889 में दूसरे अंतर्राष्ट्रीय समाजवादी कांग्रेस ने 1 मई को अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस के रूप में मनाने का फैसला किया। तब से यह दिन दुनिया भर के श्रमिकों द्वारा मजदूर दिवस कामगार दिवस,श्रम दिवस,श्रमिक दिवस ,लेबर डे आदि के नाम से मनाया जाता है।
भारत में मजदूर दिवस को मनाने की शुरुआत चेन्नई में साल 1923 में हुई थी। इसे मनाने की शुरुआत सबसे पहले लेफ्ट पार्टी “द लेबर किसान पार्टी ऑफ हिंदुस्तान” ने की थी। फिर देश के कई अन्य मजदूर संगठनों ने भी इस दिन को मनाने की शुरुआत की। जिसके बाद हर साल 01 मई को भारत में भी मजदूर दिवस मनाया जाता है, इस दिन कई राज्यों में अवकाश भी रहता है। इसी क्रम में बुधवार को अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस पर संयुक्त वामपंथी मोर्चा के तत्वावधान में स्थानीय रोडवेज बस स्टैंड स्थित रिक्सा स्टैंड से एक रैली निकालकर मजदूरों की मांग को बुलंद किया गया। जिसमें मजदूरों के संघर्ष को याद दिलाते हुए चार श्रम कोड कानून रद्द करो,पुराने श्रम कानून बहाल करो,सरकारी संस्थानों का निजीकरण बंद करो, बेरोजगारों को रोजगार दो आदि मांगों से संबंधित स्लोगन लिखी दफ़्तियाँ लेकर मजदूर नारे लगाते चल रहे थे। रैली रिक्शा स्टैंड से शुरू होकर काली मंदिर,गल्ला मंडी तिराहा होते हुए नई सट्टी सुभाष पार्क तक जाकर पुनः वापस आकर रिक्शा स्टैंड पर समाप्त की गई। इस दौरान गुलाबचंद,जालंधर,मास्टर सतीश प्रसाद, रामदुलार, कन्हैया लाल, कमलेश कुमार,राजेश विश्वकर्मा, तिलकधारी बिंद,मलारे, प्यारेलाल बिंद, लालचंद मौजूद रहे।

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