हम सबका एक आंशिक प्रयास वैश्विक पटल पर उदाहरण बन सकता है : अनिल कुमार जैन
वाराणसी/संसद वाणी : अग्रणी समाजिक संस्था संकल्प के तत्वावधान में विश्व पर्यावरण दिवस (05 जून) के अवसर पर पार्वतीपुरी कालोनी, गुरूबाग कमच्छा स्थित पार्क में वृक्षारोपण किया गया। संस्था के संरक्षक अनिल कुमार जैन ने कहा कि वृक्ष प्रकृति की अनमोल उपहार है यह हमारे पर्यावरण तथा मानव जीवन का संरक्षक है। जिस प्रकार प्रत्येक मनुष्य की अपनी विशेषता है उसी प्रकार प्रत्येक वृक्ष की अपनी विशेषता है। वस्तुतः इस पृथिवी पर यदि वृक्ष न हो तो हमारा जीवन खतरे में पड़ जाएगा।
उन्होन लोगों को पर्यावरण संरक्षण के लिए प्रेरित करते हुए कहा भौतिक संसाधनों की होड़ में मनुष्य पर्यावरण का बेहिसाब दोहन कर रहा है। कुछ दशकों तक हराभरा यह शहर अब कंकरीट के जंगल में तब्दील हो गया है, वातावरण प्रदुषित होने के कारण हम तमाम तरह की बीमारियों के चपेट में आ रहे हैं। कुछ पल शुद्ध वातावरण में गुजारने के लिए भी लोगों को पार्क, बगीचों की तलाश में लम्बे फासले तय करने पड़ रहे है। फिर भी हम मनुष्य अपने और अपनी अगली पीढ़ी के भविष्य को लेकर लापरवाह मूक दर्शक बने हुए है। वैश्विक कोरोना महामारी के दूसरी लहर में ऑक्सीजन के महत्व को लोग अच्छी तरह से समझ चुके है। आपके घरों के आसपास जितना अधिक पेड़ रहता है, आपके वातावरण में ऑक्सीजन का लेबल उतना ही अधिक रहता है। ऐसे में हम नगरवासियों को अपने शहर में ऑक्सीजन का स्तर बढ़ाने के लिए एवं प्रदूषण से बचाने के लिए एक प्रयास अवश्य करना चाहिए। यह लक्ष्य एक अकेले के द्वारा हासिल नहीं हो सकता, लेकिन एक एक मिलकर अगर सब ने पहल किया तो हमारे शहर में लाखों की संख्या में वृक्ष लगाए जा सकते हैं, लेकिन उसके लिए जरूरी है कि हर किसी को, समाज के हर इकाई को यह जिम्मेदारी लेनी होगी। काशीवासी से अनुरोध है कि कृपया अपने घर के आसपास एक पेड़ अवश्य लगाएं। जो पेड़ लगाए उसका संरक्षण भी अपने बच्चे की तरह जिम्मेदारी के साथ स्वयं करें। सबके आंशिक प्रयास से 4 से 5 सालों में ही यह शहर एक बार फिर हरा भरा हो जाएगा। विश्व में कितने ही प्राचीन नगर है जो खंडहर बन गए पर यह नगर आज भी जिन्दा है। काशी में आज भी लोग आते हैं, खुश रहते हैं, मस्त रहते हैं। आज भी यहां की संस्कृति, परंपरा, आध्यात्म, कला को विश्व के हर कोने से लोग देखने आते हैं। हमारा संकल्प और प्रयास पूरी दुनिया में एक मिसाल बन सकता है।
इस अवसर पर संस्था की गीता जैन, गातिका जैन, डा. हर्षित जैन, डा. आंचल अग्रवाल जैन, राजकपूर, गीतिका जैन प्रमुख रूप से मौजूद रही।