वाराणसी/संसद वाणी : आज विश्व पर्यावरण दिवस के दिन वाराणसी में हम आपको एक ऐसे घर में ले चलेंगे जहां पर आपको एक दो नहीं बल्कि कई वन देखने को मिलेंगे आपको सुनकर थोड़ा हैरानी हो रहा होगा लेकिन यह बिल्कुल सही है शहर जहां एक तरफ कंकड़ी की पत्थर बनते जा रहा है वहीं वाराणसी के रहने वाले पंडित हरेंद्र उपाध्याय ने अपने घर में कई हिस्सों को वन में बांट दिया है छोटे से लेकर बड़े पौधों को लगाया है उनका मानना है कि हम लोग वन अब नहीं जा पाए लेकिन मैंने अपने इस छोटे से स्थान को 500 से अधिक पौधे लगाए हैं और जिनको अलग-अलग वन में बांट दिया है.
औषधीय पौधे –
तुलसी, अश्वगंधा, शतावर, श्वेत मूसली, हल्दी, एलोवेरा, अजवाइन, परजाता, कपूर, आवला, नीम, मुलेठी, मदार, काली तुलसी, ब्राह्मी ,शंखपुष्पी, चिरायता, लाजवंती, कालवेग, गिलोय.
ऑक्सीजन वाले पौधे-
पीपल, बरगद, पाकड़, पाम, अपामार्ग
इसके साथ ही मुख्य रूप से रुद्राक्ष का पौधा,कनैल, गुलाब, गुड़हल, बेला, अपराजिता, मधुमालती के साथी पीपल के जानू पेड़ मौजूद है.
घर के बाहर भी दो पड़े पेड़ लगाए गए हैं इसकी वजह से घर बिल्कुल ठंडा रहता है वाकई इस छोटे से वन में आपको कई अलग-अलग तरह के फूल पौधे देखने को मिलेंगे इस गर्मी के मौसम में भी वहां के सारे पेड़ पौधे हरे नजर आए.
पूरा परिवार मिलाकर नित्य इन पौधों की सुबह शाम सेवा करता है उनका उद्देश्य है कि हरे-भरे पेड़ पौधे रहे इसके लिए काफी सेवा भी करना पड़ता है समय-समय पर दवा का भी छिड़काव करना पड़ता है इस तरह सभी पौधों को सुरक्षित रखा जाता है सुबह शाम परिवार के लोग लगभग 1 घंटे इन वन में गुजारते हैं.

पंडित हरेंद्र उपाध्याय ने बताया कि हमने अपने पूरे घर के गार्डन को तीन हिस्सों में बांट दिया है एक का नाम है आनंदवन दूसरे का नाम है सदाबहार वन और तीसरे का नाम है ऊपर के तलवे में चैत्रवन मौजूद है. सदाबहार वन में ऐसे पौधे लगाए गए हैं जो हमेशा फूल देते हैं हरे भरे रहते हैं और आक्सीजन प्रदान करते हैं जिसमें नीचे भी पीपल के पौधे लगाए गए हैं. आनंद वन में ऐसे पौधे लगाए गए हैं जो बेहद ही खूबसूरत हैं इन्हें देखकर आप आनंदित हो जाएंगे इसीलिए घर के उसे हिस्से का नाम आनंदवन रखा गया है. चैत्रवण हमारे मस्तिष्क को एक अलग ऊर्जा प्रदान करता है और जितने भी हमारे औषधीय पौधे हैं वह चैत्र वन में लगाए गए हैं वहां पर तुलसी का पौधा है रुद्राक्ष का पौधा है अपराजिता का पौधा है जो कहीं ना कहीं हमारे नेगेटिव एनर्जी को खत्म करते हैं आप थोड़ी देर यहां खड़े होंगे तो आपको पॉजिटिव एनर्जी का एहसास होगा क्योंकि पेड़ पौधे हमारे साथ रहते हैं और हमसे बात करते हैं।