Mother Sold Newborn: त्रिपुरा से चौंकाने वाली खबर सामने आई है. पति की मौत के बाद दाने-दाने को मोहताज आदिवासी महिला ने अपने नवजात को 5000 रुपये में बेच दिया.
त्रिपुरा के धलाई में 39 साल की आदिवासी महिला ने अपने ही नवजात का सौदा कर दिया. महिला के मुताबिक, वो पिछले कई महीनों से दाने-दाने के लिए मोहताज थी, इसलिए गरीबी से जुझते हुए उसने ये कदम उठाया. मामले की जानकारी के बाद जिला प्रशासन हरकत में आया और नवजात का रेस्क्यू कर उसे उसकी मां को सौंप दिया.
महिला ने बच्चे को गुरुवार को जन्म दिया था. अगले दिन यानी शुक्रवार को महिला ने नवजात का 5000 हजार में सौदा कर दिया. रिपोर्ट के मुताबिक, महिला पहले से चार बच्चों की मां है और उसके पति ने गरीबी के ही कारण पांच महीने पहले आत्महत्या कर ली थी. पति ने जब सुसाइड किया था, तब महिला प्रेग्नेंट थी.
नवजात के सौदे की सूचना के बाद हरकत में आई जिला प्रशासन
घटना के तुरंत बाद, विपक्षी नेता सीपीआई (एम) जितेंद्र चौधरी ने मुख्य सचिव जेके सिन्हा और धलाई के जिला मजिस्ट्रेट साजू वहीद ए से हस्तक्षेप की मांग की. उन्होंने भाजपा सरकार और भाजपा की गठबंधन सहयोगी तथा त्रिपुरा जनजातीय क्षेत्र स्वायत्त जिला परिषद (टीटीएएडीसी) में सत्तारूढ़ टीआईपीआरए मोथा पार्टी को भी इस स्थिति के लिए जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने कहा कि टीटीएएडीसी के कार्यकारी सदस्यों और राज्य सरकार के मंत्रियों ने लोगों, मुख्य रूप से आदिवासियों की बुनियादी जरूरतों की अनदेखी की है.
चौधरी ने कहा कि मैंने मुख्य सचिव को पत्र लिखकर उनसे दूरदराज के इलाकों में मनरेगा के तहत काम की व्यवस्था करने का अनुरोध किया है. मैंने पहाड़ी और दूरदराज के इलाकों में रहने वाले लोगों की बुनियादी समस्याओं को हल करने का भी अनुरोध किया है.
धलाई के जिला मजिस्ट्रेट ने क्या बताया?
धलाई के जिला मजिस्ट्रेट वहीद ने शनिवार को बताया कि मां और नवजात शिशु दोनों को गंदाचेर्रा के आश्रय गृह में भेज दिया गया है. वहीद ने बताया कि महिला और उसके बच्चे गरीबी के कारण संकट में हैं, खासकर उसके पति की मौत के बाद. लेकिन उसने अपने दस्तावेज और राशन कार्ड किसी और को नहीं बेचे. उन्होंने आगे बताया कि महिला को प्रशासन की ओर से कुछ सहायता दी गई है. इस मामले पर राज्य भाजपा की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिल सकी.