गुजरात के साबरकांठा जिले में चांदीपुरा वायरस से चार बच्चों की मौत हो गई है. बच्चों की मौत से इलाके में हड़कंप मच गया है. अधिकारी ने बताया कि चांदीपुरा वायरस से पीड़ित व्यक्ति को बुखार आता है, और इसके लक्षण फ्लू तीव्र इंसेफेलाइटिस (मस्तिष्क की सूजन) जैसे होते हैं.
गुजरात के साबरकांठा जिले में चांदीपुरा वायरस के चलते चार बच्चों की मौत हो गई है. दो बच्चे में इंफेक्शन है और उनका अभी इलाज चल रहा है. जानकारी देते हुए एक अधिकारी ने बताया कि वायरस से पीड़ित बच्चों का इलाज चल रहा है. अधिकारी ने बताया कि चांदीपुरा वायरस से पीड़ित व्यक्ति को बुखार आता है, और इसके लक्षण फ्लू तीव्र इंसेफेलाइटिस (मस्तिष्क की सूजन) जैसे होते हैं.
चांदीपुरा वायरस क्या है
ये वायरस मच्छर, खून चूसने वाले कीड़ों और सैंडफ्लाई जैसे वैक्टर्स से फैलता है. यह रोगजनक वायरस रैबडोविरिडे परिवार के वेसिकुलो वायरस जीनस का सदस्य है. चांदीपुरा वायरस, वायरस के रैबडोविरिडे परिवार से एक आरएनए वायरस है, जिसमें रेबीज वायरस भी शामिल है. यह संक्रमित रेत मक्खियों और मच्छरों के काटने से फैलता है.
क्या हैं इसके लक्षण
लक्षणों में अचानक तेज बुखार के साथ सिरदर्द, ऐंठन और उल्टी शामिल हैं, जो कभी-कभी बेहोशी की ओर ले जाती हैं. लक्षणों के आधार पर, डॉक्टर रक्त परीक्षण की सलाह देते हैं. नमूने एनआईवी पुणे भेजे जाते हैं, जो चांदीपुरा वायरस की उपस्थिति या अनुपस्थिति की पुष्टि करता है. परीक्षण के परिणाम आने में 10 से 15 दिन लगते हैं.
इलाज
इसके उपचार के लिए कोई विशिष्ट दवा नहीं है. हालांकि, समय पर पता लगने, अस्पताल में भर्ती होने और रोगी को लक्षणात्मक उपचार देने से जान बचाने में मदद मिल सकती है.
जांच के लिए पुणे भेजा गए सैंपल
जानकारी देते हुए साबरकांठा के मुख्य जिला स्वास्थ्य अधिकारी राज सुतारिया ने कहा कि सभी छह बच्चों के ब्लड सैम्पल्स पुष्टि के लिए पुणे के राष्ट्रीय विषाणुविज्ञान संस्थान (NIV) भेजे गए हैं और इस जांच का परिणाम आने का इंतजार है. उन्होंने कहा कि हिम्मतनगर सिविल अस्पताल के बाल रोग विशेषज्ञों ने 10 जुलाई को वहां चार बच्चों की मौत के बाद चांदीपुरा वायरस को लेकर अपना शक जताया था. जिसके
बाद बच्चों के नमूनों को जांच के लिए पुणे भेजा गया.
सुतारिया ने बताया कि अस्पताल में भर्ती दो अन्य बच्चों में भी इसी तरह के लक्षण दिखे हैं. वे भी इसी वायरस से संक्रमित लग रहे हैं. उन्होंने बताया कि अब तक जिन चार बच्चों की मौत हुई है, उनमें से एक साबरकांठा जिले का था और दो पड़ोसी अरावली जिले के थे. एक बच्चा राजस्थान का था. मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि राजस्थान में अधिकारियों को बच्चों की मौत के बारे में सूचित कर दिया गया है.