अधिकारी एम. जगदीश ने बताया कि ब्रेस्ट मिल्क को पाश्चुरीकृत करने के लिए कौनसा तरीका अपनाया गया, यह जांच के बाद पता चलेगा. ब्रेस्ट मिल्क की प्रोसेसिंग और उसकी बिक्री गैरकानूनी है.
चेन्नई में ह्यूमन ब्रेस्ट मिल्क (मानव स्तन दूध) बेचने वाले एक आउटलेट को खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण द्वारा सील किया गया है और वैज्ञानिक जांच के लिए दूध के नमूने जब्त किए हैं. आउटलेट पर 500 रुपए प्रति 100ml में ब्रेस्ट मिल्क बेचा जा रहा था. अधिकारियों ने बताया कि आउटलेट के बारे में शिकायत मिली थी कि वहां कथित तौर पर ब्रेस्ट मिल्क बेचा जा रहा है.
10 दिनों से रडार पर था आउटलेट
अधिकारियों ने कहा कि पिछले 10 दिनों से इस आउटलेट पर नजर रखी जा रही थी. हालांकि इस दौरान यहां दूध की कोई बिक्री नहीं हुई लेकिन शुक्रवार को औचक निरीक्षण के दौरान आउटलेट से ब्रेस्ट मिल्क का भंडार बरामद हुआ.
बोतलों पर लिखे हुए थे डोनर महिलाओं के नाम
तिरुवल्लूर के खाद्य सुरक्षा विभाग के नामित अधिकारी डॉ. एम. जगदीश चंद्र बोस ने बताया कि 100 एमएल की बोतलों के बैच पर पाश्चुरीकृत ह्यूमन ब्रेस्ट मिल्क लिखा हुआ था, साथ ही बोतलों पर दूध देने वाली महिलाओं के नाम भी लिखे हुए थे.
कैसे पाश्चुरीकृत किया गया ब्रेस्ट मिल्क
अधिकारी एम. जगदीश ने बताया कि दूध को पाश्चुरीकृत करने के लिए कौनसा तरीका अपनाया गया, यह जांच के बाद पता चलेगा.
FSSAI ने जारी की थी एडवाइजरी
बता दें कि माताओं का दूध खुले बाजार में बेचे जाने की शिकायतों के बाद भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (FSSAI) इस महीने की शुरुआत में एक एडवाइजरी जारी की थी और चेतावनी जारी की थी कि ब्रेस्ट मिल्क और उसके उत्पादों और उसके व्यापार से संबंधित गतिविधियों पर तुरंत रोक लगाई जाए. 24 मई को जारी इस एडवाइजरी में कहा गया था कि एफएसएसएआई ने एफएसएस अधिनियम 2006 और उसके तहत बनाए गए नियमों के तहत ब्रेस्ट मिल्क के प्रसंस्करण और उसकी बिक्री पर प्रतिबंध है.
डॉक्टरों की सलाह में दिया जाता है ब्रेस्ट मिल्क
डॉ. बोस ने कहा कि नवजात बच्चों को अगर ब्रेस्ट मिल्क की जरूरत होती है तो उसे डॉक्टरों की सलाह और देखरेख में शिशुओं को दिया जाता है.
क्या बोला आउटलेट प्रभारी
वहीं एक तमिल न्यूज चैनल को दिए इंटरव्यू में आउटलेट प्रभारी ने बताया कि कुछ हफ्ते पहले ही उन्होंने ह्यूमन ब्रेस मिल्क की बिक्री बंद कर दी थी क्योंकि उन्हें पता चला था यह अवैध है. उसने दावा किया कि उन्होंने अस्पतालों में माताओं से यह दूध प्राप्त किया था. वहीं अधिकारियों ने कहा कि वह इसकी जांच कर रहे हैं.