Friday, April 18, 2025
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जानिए स्कैम से बचने टिप्स, अब कोई नहीं कर पाएगा फ्रोड अगर करेंगे ये 6 काम

Money Scam Prevention Tips: अगर आप खुद को मनी फ्रॉड से बचाना चाहते हैं तो यहां हम आपको कुछ टिप्स दे रहे हैं जो आपको इस तरह के स्कैम से बचा सकते हैं. 

इस डिजिटल युग में हम सभी ईमेल, सोशल मीडिया और ऑनलाइन एक्टिविटीज से घिरे हुए हैं. जितने हम तकनीक के करीब है उतने ही पास हम साइबर स्कैम के हैं. आज हर दूसरा व्यक्ति डिजिटल स्कैम का शिकार है. इनमें सबसे ज्यादा मनी फ्रॉड होता है. इस तरह के फ्रॉड से बचने के लिए गूगल ने इंटरनेट और फोन का इस्तेमाल करते समय 6 गलतियों के बारे में बताया है जिन्हें आपको आज ही बंद कर देनी चाहिए. 

पहली गलती: पासवर्ड का दोबारा इस्तेमाल करना खतरनाक हो सकता है क्योंकि यह डाटा ब्रीच करने वाले स्कैमर्स को आपके अकाउंट्स को एक्सेस करने में मदद करता है. एक ही जैसा पासवर्ड कई अकाउंट्स में रखना हानिकारक सिद्ध हो सकता है. Google ने पासवर्ड मैनेजर के जरिए हर अकाउंट के लिए यूनिक पासवर्ड का इस्तेमाल करने की सलाह दी है. 

दूसरी गलती: अगर आपको आदत है फोन या डिवाइस का सॉफ्टवेयर अपडेट न करने की तो आपको ये आदत बदल लेनी चाहिए. किसी भी तरह की हैकिंग से बचने के लिए डेवलपर्स और OEM समय-समय पर सिक्योरिटी पैच अपडेट रोलआउट करते रहते हैं जिनमें डिवाइस की कमियों को ठीक किया जाता है. ऐसे में आपको अपनी डिवाइसेज को अपडेटेड रखना चाहिए. 

तीसरी गलती: फोन पर लॉक लगाने के लिए 1234 पासवर्ड का नहीं बल्कि किसी मजबूत पासवर्ड का इस्तेमाल करें. लोग पिन को आसानी से याद रखने के लिए आसान पासवर्ड रख लेते हैं जबकि यह गलत है. फोन हैकिंग से बचने के लिए मजबूत पासवर्ड या फिंगरप्रिंट स्कैनिंग जैसे बायोमेट्रिक की सलाह दी जाती है. 

चौथी गलती: अगर मैसेज या ईमेल में आपके पास कोई लिंक आता है तो कई लोगों की आदत उस पर तुरंत क्लिक कर देने की होती है. इस तरह के लिंक एक आम मैलवेयर वेक्टर होते हैं. ऐसे में आपको बिना सोचे-समझे किसी भी लिंक पर क्लिक नहीं करना चाहिए. 

पांचवी गलती: अगर आप अपने क्रेडेंशियल खो देते हैं और अगर रिकवरी विकल्प सेट नहीं होता है तो आप खुद को अनलॉक नहीं कर पाएंगे. ऐसे में आपको पासवर्ड खो जाने की स्थिति से बचने के लिए हमेशा रिकवरी विकल्प सेटअप करना चाहिए. 

छठी गलती: कई लोगों को उनकी डिवाइस या ऐप्स पर टू-फैक्टर वेरिफिकेशन लगाने की आदत नहीं होती है और यह आदत गलत है. डिवाइस या ऐप्स को सुरक्षित रखने के लिए टू-फैक्टर वेरिफिकेशन लगाने की आदत डाल लीजिये.

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