Payal Kapadia: Cannes में फिल्म को 8 मिनट का स्टैंडिंग ओवेशन दिया गया जो कि भारत के लिए गर्व का पल है. आइए आज हम आपको बताते हैं कि विदेश में देश का नाम करने वाली पायल कपाड़िया कौन हैं.
हर तरफ कान फिल्म फेस्टिवल की धूम मची हुई है. अब इस बीच पायल कपाड़िया की फिल्म ‘ऑल वी इमेजिन ऐज लाइट’ ने कान फिल्म फेस्टिवल में अवॉर्ड जीता. 30 साल बाद इस फिल्म फेस्टिवल में किसी फिल्म का प्रीमियर किया गया है. ‘ऑल वी इमेजिन ऐज लाइट’ पहली भारतीय फिल्म है जो कि इस कॉम्पिटिशन सेक्शन में दिखाई गई है. कान्स फिल्म फेस्टिवल के आखिरी दिन शानदार अवॉर्ड फंक्शन रखा गया, जहां भारतीय फिल्म ‘ऑल वी इमेजिन एज लाइट’ ने इतिहास रच डाला.
आपको बता दें कि पाल्मे डी’ओर के बाद यह दूसरा सबसे प्रतिष्ठित अवॉर्ड है. ‘ऑल वी इमेजिन ऐज लाइट’ मलयालम और हिंदी भाषा में बनी है जिसकी कहानी पायल कपाड़िया ने ही लिखी है. इस फिल्म की कहानी नर्स प्रभा के जीवन पर है, जिसे अपने पति से एक ऐसा तोहफा मिलता है जो उसके जीवन को अस्त-व्यस्त कर देता है.
कौन है पायल कपाड़िया
Cannes में फिल्म को 8 मिनट का स्टैंडिंग ओवेशन दिया गया जो कि भारत के लिए गर्व का पल है. आइए आज हम आपको बताते हैं कि विदेश में देश का नाम करने वाली पायल कपाड़िया कौन हैं.
‘ऑल वी इमैजिन ऐज लाइट’ पायल कपाड़िया की फीचर फिल्म है जो कि कान्स के फिल्म मोहत्सव के कॉम्पटीशन तक पहुंची है. 77वें Cannes फिल्म फेस्टिवल में ‘ऑल वी इमैजिन ऐज लाइट’ ने इतिहास रच देश को गर्व महसूस कराया है. 38 साल की पायल कपाड़िया जिनकी मां नलिनी मालिनी भी एक आर्टिस्ट हैं. ‘ऑल वी इमैजिन ऐज लाइट’ पायल कपाड़िया की फीचर फिल्म है जो कि कान्स के फिल्म मोहत्सव के कॉम्पटीशन तक पहुंची है. 77वें Cannes फिल्म फेस्टिवल में ‘ऑल वी इमैजिन ऐज लाइट’ ने इतिहास रच देश को गर्व महसूस कराया है. 38 साल की पायल कपाड़िया जिनकी मां नलिनी मालिनी भी एक आर्टिस्ट हैं. पालय ने मुंबई से इकोनॉमिक्स में बैचलर डिग्री हासिल की. इसके बाद फिल्म ऐंड टेलीविजन इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया से कोर्स किया.