Supreme Court: कोलकाता रेप और मर्डर केस पर पूरे देश में गुस्से का माहौल है. ममता सरकार भारी दबाव का सामना कर रही है. इस बीच सुप्रीम कोर्ट ने इस घटना पर स्वत: संज्ञान लेने का फैसला किया है. मंगलवार को सीजेआई की अध्यक्षता वाली पीठ इस केस पर सुनवाई करेगी.
Supreme Court: कोलकाता में ट्रेनी डॉक्टर के साथ रेप और मर्डर की घटना के कारण पूरे देश में गुस्से का माहौल है. हाई कोर्ट ने मामले की जांच सीबीआई को सौंपी है. इस बीच सुप्रीम कोर्ट ने भी इस घटना पर स्वत: संज्ञान लिया है. भारत के मुख्य न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ मंगलवार को इस मामले की सुनवाई करेगी.
सुप्रीम कोर्ट का हस्तक्षेप जन दबाव और राज्य द्वारा गलत तरीके से काम करने के आरोपों के मद्देनजर आया है. इस मामले की जांच पहले से ही सीबीआई द्वारा की जा रही है. इस घटना ने भारत में चिकित्सा पेशेवरों, विशेषकर महिलाओं की सुरक्षा के बारे में गंभीर चिंताएं पैदा कर दी हैं. महिलाओं को अक्सर अपने कार्यस्थलों पर असुरक्षा का सामना करना पड़ता है.
पुलिस ने क्यों किया तलब
कोलकाता पुलिस ने रविवार को टीएमसी के राज्यसभा सदस्य सुखेंदु शेखर रॉय को लालबाजार मुख्यालय में तलब किया है. रॉय ने एक्स पर लिखे एक पोस्ट का हवाला देते हुए कहा कि सीबीआई को पुलिस आयुक्त विनीत गोयल को हिरासत में लेना चाहिए और शहर के सरकारी आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में 9 अगस्त को 31 वर्षीय जूनियर डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या के मामले में उनसे पूछताछ करनी चाहिए.
टीएमसी नेता ने क्या कहा
75 वर्षीय टीएमसी नेता ने शनिवार को एक्स पर कहा कि सीबीआई को निष्पक्ष रूप से काम करना चाहिए. उन्होंने कहा कि पूर्व प्रिंसिपल और पुलिस कमिश्नर को हिरासत में लेकर पूछताछ करना जरूरी है, ताकि पता चल सके कि किसने और क्यों आत्महत्या की कहानी गढ़ी. हॉल की दीवार क्यों गिराई गई? रॉय को इतना शक्तिशाली बनाने के लिए किसने संरक्षण दिया. 3 दिन बाद खोजी कुत्ते का इस्तेमाल क्यों किया गया? ऐसे सैकड़ों सवाल हैं उन्हें बोलना चाहिए.
कार्रवाई करेगी पुलिस
नाम न बताने की शर्त पर एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि रॉय को इसलिए बुलाया गया क्योंकि उन्होंने खोजी कुत्तों के बारे में गलत सूचना फैलाई थी. 9 अगस्त को जांच शुरू होते ही उन्हें अपराध स्थल पर ले जाया गया. पुलिस ने दो दिन पहले एक सार्वजनिक नोटिस जारी किया था जिसमें कहा गया था कि जो कोई भी गलत सूचना फैलाएगा या पीड़ित की पहचान उजागर करेगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
टीएमसी ने लिया एक्शन
यह घटनाक्रम ऐसे समय में हुआ है जब टीएमसी ने अपने पूर्व राज्यसभा सदस्य डॉ. शांतनु सेन को अपने प्रवक्ताओं के पैनल से हटा दिया है, क्योंकि उन्होंने अपने विद्यालय आरजी कर मेडिकल कॉलेज में हुए आंदोलन में हिस्सा लिया था. सेन को कोलकाता नगर निगम के स्वास्थ्य सलाहकार के पद से भी हटा दिया गया है.